good story in hindi - बोले हुए शब्द वापस नहीं आते ,आप हाथी नहीं इन्सान है

Good story in hindi 

Good story in hindi

बोले हुए शब्द वापस नहीं आते .(a good story in hindi)


एक बार एक किसान ने अपने पडोसी को भला बुरा कह दिया ,पर जब बाद में उसने अपनी गलती महसूस की तो वह एक संत के पास गया। उसने संत से अपनी गलती सुधारने और अपने शब्द वापस लेने का उपाय पूछा।

संत ने किसान से कहा ,"तुम खूब सारे पंखों को  इकट्ठा कर लो , और उन्हें शहर के बीचो- बीच में जाकर रख दो। " किसान ने ऐसा ही किया सारे पंख जाकर रख दिए और फिर संत के पास पहुँच गया। तब संत ने कहा ," अब वापस जाओ और उन पंखो को इकठ्ठा कर के मेरे पास वापस ले आओ " किसान वापस शहर की बीच में गया लेकिन जब सारे पंख हवा के कारण  से उड़ चुके थे। 

और किसान खाली हाथ संत के पास पहुंचा।  तब संत ने किसान से  कहा की ठीक ऐसा ही तुम्हारे द्वारा कहे गए शब्दों के साथ होता है ,तुम आसानी से इन्हें अपने मुख से निकाल तो सकते हो पर चाह कर भी वापस नहीं ले सकते। 

सिख क्या है :-    किसी को कुछ भी कहने से पहले से सोच विचार कर लेना चाहिए। इसीलिए कहा गया है। 

शब्द संभारे बोलिए ,शब्द के हाथ न पांव। 
एक शब्द औषधी करे ,एक शब्द  करे घाव।।

आप हाथी नहीं इंसान है । (good story in hindi) 


एक आदमी कहीं  से गुजर रहा था , तभी उसने सड़क के किनारे बंधे कुछ  हाथियों को देखा ,और उन्हें देखकर  अचानक रुक गया। उस आदमी ने देखा की हाथियों के अगले पैर में एक रस्सी बंधी हुई है , उसे यह देखकर बड़ा ही अचरज हुआ की हाथी जैसे विशालकाय जिव लोहे की जंजीरों की जगह बस एक छोटी सी रस्सी से बंधे हुए है  !!! ये  स्पष्ट था की हाथी जब चाहते तब अपने बंधन तोड़ कर कहीं भी जा सकते थे ,पर किसी वजह से वो ऐसा नहीं कर रहे थे। 

उसने पास खड़े महावत से पूछा की भला ये इतने बड़े हाथी किस प्रकार इतनी शांती से खड़े है , और भागने का प्रयास क्यों नहीं कर रहे है ? तब महावत ने कहा , " इन हाथियों को जब ये छोटे होते हे तभी से इन्हें इन रस्सियों से बाँधा जाता है ,उस समय इनके पास इतनी शक्ति नहीं होती की इस बंधन को तोड़ सके।  

बार - बार प्रयास करने पर भी रस्सी ना तोड़ पाने के कारण उन्हें धीरे - धीरे यकीं हो जाता है की वो इन रस्सियों को नहीं तोड़ सकते ,और बड़े होने पर भी उनका ये  यकीन बना रहता है ,इसलिए वो कभी इसे तोड़ने का प्रयास ही नहीं करते। "आदमी आश्चर्य में पढ़ गया की ये ताकतवर हाथी  जैसे जानवर सिर्फ इसलिए अपना बंधन नहीं तोड़ सकते क्योंकि वो इस बात में यकीन करते है। 

सिख क्या है :-   इन हाथियों की तरह ही हममें से कितने लोग सिर्फ पहले मिली असफलता के कारण ये मान बैठते है की अब हमसे ये काम हो ही नहीं सकता और अपनी ही बनायीं हुई मानसिक जंजीरों में जकड़े हुए अपना पूरा जीवन गुजार देते है।

कहानी अच्छी लगी हो तो इसे आगे शेयर करे। 

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