एक समय की बात है एक जंगल में शेर रहता था । शेर पूरे जंगल का राजा था । इसलिए वह अपने आप पर बहुत घमंड करता था और दूसरे जानवरों को डराता था और उन्हें मारकर खा जाता था । इसी बीच एक दिन उसी जंगल में एक मक्खी शेर के पास आई उस समय शेर एक पेड़ की छांव में आराम कर रहा था ।
तभी मक्खी आकर शेर के कानों में गुनगुनाने लगी जिससे शेर को बहुत गुस्सा आ रहा था और वह मक्खी को भाग जाने के लिए कहता है और कहता है , कि मुझे परेशान मत करो नहीं तो मैं तुम्हें मार डालूंगा।
यह सुनकर मक्खी हंसने लगती है और कहती है की अरे शेर तुम तो बहुत ही मूर्ख हो तुम्हें अपनी शक्तियों पर बहुत घमंड है तुम जंगल के छोटे छोटे पशुओं को अपनी शक्ति से डराते हो लेकिन आज मैं तुम्हें मजा चखाने वाली हूँ ।
इतने में शेर को गुस्सा आ जाता है और वह मक्खी को मारने के लिए झपटता है । और मक्खी को पंजा मारने की कोशिश करता है लेकिन मक्खी उड़कर शेर के कान पर बैठ जाती है और उसे डंक मार देती है शेर मक्खी को मारने के लिए पंजे से अपने ही कान पर हमला करता है ।
मक्खी तो उड़ जाती है लेकिन उसके कान से खून बहने लगता है फिर मक्खी शेर की नाक पर बैठ जाती है से फिर से हमला करता है और फिर से अपनी नाक को लहूलुहान कर लेता है । इसी प्रकार शेर का पूरा शरीर खून से लथपथ हो जाता है ।
फिर शेर मक्खी के सामने हार मान जाता है और कहता है कि मैंने अपनी पराजय स्वीकार कर ली है और मैं तुम्हें जंगल की महारानी मानता हूं और घोषणा करता हूं कि आज से तुम जंगल की महारानी हो ।
इतना सुनते ही मक्खी खुश हो जाती है और इतराती हुई पूरे जंगल में शोर मचाने लगती है कि मैं जंगल की महारानी हूं और मक्खी के मन में घमंड आ जाता है ।
यह सब देख एक चालाक लोमड़ी से रहा नहीं जाता और वह मक्खी से कहती है कि अरे मक्खी रानी अगर तुम इतनी शक्तिशाली हो और तुम्हें इतना ही विश्वास है और घमंड है अपनी शक्तियों पर, तो हम सभी जंगल के जानवर आपको तभी जंगल की महारानी मानेंगे जब तुम सामने बने उस जाले में बैठी लकड़ी से युद्ध करो और उसे हराकर दिखाओ तभी हम तुम्हें जंगल की महारानी स्वीकार करेंगे।
मक्खी तो पहले से ही अपने घमंड में चुर थी उसे लड़ाई से संबंधित किसी भी प्रकार की बातों का होश नहीं था उसने बिना सोचे समझे ही उस मकड़ी के जाले में हमला कर दिया और उस जाले में फस गई ।
मक्खी ने उस जाले से निकलने की बहुत कोशिश की लेकिन जाले में से नहीं निकल पाई और फंसे रहने के कारण मक्खी ने दम तोड़ दिया बाद में मक्खी को मकड़ी खा गई इस प्रकार मक्खी रानी का घमंड टूट गया और उसका पुरा अस्तित्व ही खत्म हो गया।
सीख क्या है :- मक्खी की इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपनी शक्तियों पर घमंड नहीं करना चाहिए और कुछ भी कार्य करने से पहले अच्छी तरह से सोच विचार कर लेना चाहिए और अपनी क्षमता अनुसार अपनी मर्यादा में रहना चाहिए।
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